लापरवाह सरकारी अधिकारियों पर लगाया जुर्माना : नारायण बारेठ

लापरवाह सरकारी अधिकारियों पर लगाया जुर्माना : नारायण बारेठ

राजू चारण

बाड़मेर ।। राज्य सूचना आयोग ने टोंक जिले में मालपुरा नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी द्वारा सूचना अधिकार कानून की जानबूझकर अवहेलना करने पर नाराजगी का इजहार किया है। आयोग ने तीन अलग अलग मामलों में अधिशासी अधिकारी पर पांच पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यह राशि उनके वेतन से काटी जाएगी। साथ ही आयोग ने नगर पालिका प्रशासन से मांगी गई सूचनाएं अपने नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने का आदेश दिया है।

आयोग ने यह आदेश तब दिया जब मालपुरा के एक स्थानीय नागरिक ने अपील दाखिल कर शिकायत की और कहा कि नगर पालिका प्रशासन उन्हें लम्बे समय से जानबूझकर सूचनाएं उपलब्ध नहीं करवा रहा है। आवेदक ने दिसंबर 2018 में तीन अलग अलग आवेदन कर पालिका प्रशासन से उसके हाथो चल रही योजनाओं की जानकारी मांगी थी। ,साथ ही कस्बे में चल अचल शौचालय का विवरण माँगा था। नागरिक ने एक अन्य आवेदन में पालिका बोर्ड के प्रस्तावों का विवरण जानने की कोशिश की थी। लेकिन पालिका प्रशासन के अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया।

इस मामले की सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने पालिका प्रशासन के लापरवाह अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी जाहिर की और कहा अधिशासी अधिकारी ने बार बार तकाजा करने पर भी न तो कोई जवाब दिया न ही सूचना उपलब्ध कराने में कोई रूचि दिखाई। आयोग ने अधिकारी को अपना पक्ष रखने के लिए कई अवसर दिए। मगर अधिकारी ने सूचना अधिकार कानून की उपेक्षा की। आयोग ने सुनवाई के दौरान कहा पालिका प्रशासन का यह रवैया खेदजनक है, आयोग ने इन तीन अलग अलग मामलों में अधिशासी अधिकारी पर पन्द्रह हजार रूपये का जुर्माना लगाया है।

आयोग ने अधिशासी अधिकारी को यह भी निर्देश दिया है कि वे आवेदक नागरिक को संबंधित रिकॉर्ड का अवलोकन कराएं और मांगने पर चिन्हित 50 पृष्ठ तक निशुल्क उपलब्ध करवाए। सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त बारेठ ने कहा मांगी गई सूचनाएं सार्वजनिक महत्व की है। लिहाजा पालिका प्रशासन से कहा गया है कि वो अपने रिकॉर्ड में उपलब्ध ये सूचनाएं अपने नोटिस बोर्ड पर चस्पा करे। आयोग ने इसके लिए सूचना अधिकार कानून की धारा 4 की पालना करने को कहा है। इसके तहत विभागों और संस्थानों से आम अवाम के उपयोग की सूचनाएं प्रदर्शित करने की अपेक्षा की गई है।

आयोग ने अपने आदेश की प्रति स्थानीय निकाय निदेशक को भी भेजने का आदेश दिया है। ताकि स्थानीय निकाय ऐसे मामलो को गंभीरता से ले। आयोग ने एक अन्य मामले में उदयपुर जिले में बारापाल ग्राम पंचायत को भी एक ग्रामवासी द्वारा मांगी गई सूचनाएं अपने नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करने की हिदायत दी है।